बुजुर्ग रोगियों में पेट या आंतों की समस्याएं
पेट या आंतों संबंधी समस्याओं से ग्रसित बुजुर्ग रोगियों को इस दवा का उपयोग करते समय अधिक खतरा होता है विशेष रूप से जो
एनएसएआईडी के प्रति संवेदनशील हैं। एसिक्लोफेनाक का उपयोग करने वाले रोगियों को पेट या आंतों में रक्तस्राव और छाले हो सकते हैं। ऐसे रोगियों में इस दवा का उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए।
एसिक्लोफेनाक के साथ दीर्घकालिक उपचार
लंबे समय तक इलाज के लिए एसिक्लोफेनाक का उपयोग करने वाले रोगियों में खतरा अधिक होता है। इस दवा को लंबे समय तक उपयोग करने से हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय के लिए इस दवा का उपयोग करते समय गुर्दे, जिगर की कार्यप्रणाली और
रक्त गणना की सावधानीपूर्वक निगरानी करने की आवश्यकता होती है।
रक्त से संबंधित रोग
इस दवा का उपयोग करते समय
रक्त से संबंधित रोग वाले रोगियों में खतरा अधिक होता है। एसिक्लोफेनाक रक्त के थक्के बनने को कम करता है जिसके परिणामस्वरूप असामान्य रक्तस्राव हो सकता है। ऐसे रोगियों में एसिक्लोफेनाक का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
महिला बांझपन
जो महिलाएं गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हैं उन्हें इस दवा का उपयोग करते समय खतरा होता है। इस दवा का उपयोग करने वाली महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है। जो महिलाएं गर्भवती होने की कोशिश कर रही हैं, जिन्हें गर्भधारण करने में कठिनाई होती है या जो
बांझपन की जाँच करा रही हैं, उन्हें इस दवा का उपयोग करना बंद कर देना चाहिए।
एनएसएआईडी के लिए ज्ञात एलर्जी प्रतिक्रियाएं
इस दवा का उपयोग करते समय
एनएसएआईडी के लिए ज्ञात
एलर्जी की प्रतिक्रिया वाले रोगियों में खतरा बढ़ जाता है। इन रोगियों में त्वचा की गंभीर प्रतिक्रियाएं होने का खतरा होता है। मौखिक घाव, त्वचा पर
चकत्ते या त्वचा प्रतिक्रियाओं के किसी अन्य संकेत जैसे लक्षण होने पर इस दवा को उपयोग करना बंद कर दें।
उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का इतिहास
इस दवा का उपयोग करते समय उच्च रक्तचाप और हल्की से मध्यम दिल की विफलता के इतिहास वाले रोगियों में खतरा बढ़ जाता है। इन रोगियों में दिल के दौरे, स्ट्रोक और शरीर में पानी के अत्यधिक जमाव का खतरा होता है। एसिक्लोफेनाक को सावधानी के साथ और नजदीकी चिकित्सकीय देखरेख में लिया जाना चाहिए।
हल्के से मध्यम दर्जे की गुर्दे की समस्याएँ
इस दवा का उपयोग करते समय हल्के से मध्यम दर्जे की गुर्दे की समस्याओं वाले रोगियों में खतरा बढ़ जाता है। इन रोगियों में गुर्दे की विफलता का खतरा होता है। ऐसे रोगियों में एसिक्लोफेनाक का उपयोग करते समय, गुर्दे की कार्यप्रणाली की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए।
श्वसनी दमा के कारण सांस लेने में कठिनाई
इस दवा का उपयोग करते समय श्वसनी
दमा के इतिहास वाले या इससे पीड़ित रोगियों को खतरा अधिक होता है। इन रोगियों में फेफड़ों के वायुमार्ग का संकुचन होने का खतरा बढ़ सकता है, जिसे ब्रोंकोस्पज़म के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे रोगियों में एसिक्लोफेनाक का उपयोग सावधानी पूर्वक करना आवश्यक है।
प्रणालीगत स्व-प्रतिरक्षित रोग
इस दवा का उपयोग करते समय
प्रतिरक्षा प्रणाली की समस्या से सम्बन्धित रोग (ल्यूपस) के रोगियों में खतरा बढ़ जाता है। इन रोगियों में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियों में सूजन (एसेप्टिक मेनिनजाइटिस) होने का खतरा होता है।
पेट और आंतों के रोग
इस दवा का उपयोग करते समय आंतों में सूजन (अल्सरेटिव कोलाइटिस) और पाचन तंत्र में सूजन (क्रोहन रोग) जैसे पेट और आंतों के रोग वाले रोगियों में अधिक खतरा होता है। एसिक्लोफेनाक का उपयोग करने वाले रोगियों के पेट और आंतों में रक्तस्राव और छाले हो सकते हैं। ऐसे रोगियों में इस दवा का उपयोग सावधानी के साथ किया जाना चाहिए।